साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए शॉर्ट फिल्म वीडियो एवं पोस्ट के जरिए लोगों को महत्वपूर्ण टिप्स दे रही बिहार पुलिस

सावधान रहने की दी जा रही नसीहत, मिला बिग -बी का साथ


लुभावने वादों धमकी भरे फोन से सतर्क रहने की नसीहत

गरीब दर्शन / पटना- ईओयू में विशेष साइबर सेल भी कर रहा काम
साइबर फ्रॉड — साइबर फ्रॉड नाम आते हीं लोगों का आश्चर्यचकित होना स्वभाविक है क्योंकि किसी न किसी तरीके से आजकल यह लोगों को अपना निशाना बना रहा हैं। बचने का एकमात्र उपाय है कि आप अवेयर रहें, जागरूक व सतर्क रहें। पुलिस अधिकारी या जज बनकर कॉल करने वालों को उसी अंदाज में जवाब दें। देशभर में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। बिहार में भी ऐसे मामले सामने आ रहे, जिसमें फोन कर साइबर फ्रॉड लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। हालांकि यह भी सच है कि इस तरह के स्कैम को लेकर जो लोग जागरूक हैं वो उनके झांसे में नहीं आ रहे हैं। इस तरह की ठगी से बचने के लिए बिहार पुलिस लगातार लोगों के बीच जागरूकता फैला रही है। पुलिस की ओर से राज्य के पांच जिले पटना, शेखपुरा, नालंदा, नवादा और जमुई को साइबर अपराध के हॉट स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है। ऐसे साइबर अपराधों से निपटने के लिए ईओयू में एक विशेष साइबर सेल भी काम कर रहा है, जिसमें आईजी, डीआईजी, एसपी और डीएसपी के साथ-साथ इंस्पेक्टर, दारोगा व अन्य पुलिस बल हैं। पटना में चार नए साइबर थानों की स्थापना के अलावा 24 घंटे काम करने वाला एक हाइटेक कॉल सेंटर व ट्रेनिंग सेंटर भी बनेगा, जिसपर काम चल रहा है। राज्य में साइबर कमांडो बनाने की भी तैयारी है और इसके लिए आईटी और तकनीकी क्षेत्र में डिग्री वाले 176 पुलिस अधिकारियों का चयन विशेष परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा। बिहार पुलिस के अनुसार पिछले साल 301 डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए थे, जिनमें लगभग 10 करोड़ का गबन हुआ था, हालांकि इनमें 1.6 करोड़ रुपये की राशि होल्ड कराने में सफलता मिली थी। सबसे बड़ी बात 2024 में साइबर अपराध से संबंधित कॉल प्राप्त करने और इस पर कार्रवाई करने में बिहार लगातार शीर्षस्थ पांच स्थानों पर रहा है।

डिजिटल अरेस्टिंग बस एक छलावा है, ऐसे जालसाजों से हमेशा दूर रहने की कोशिश करना चहिए।
सोशल मीडिया पर आज जिस हिसाब से लोग एक्टिव होने लगे हैं, फ्रॉड भी चौतरफ़ा अपना जाल फैलाने लगा है। डिजिटल अरेस्टिंग नाम से एक टर्म इन दिनों बहुत सुनने को मिल रहा है। हालांकि, बिहार पुलिस लगातार लोगों को इसको लेकर अवेयर कर रही है कि डिजिटल अरेस्टिंग जैसा कुछ होता नहीं है, यह बस लोगों के झांसे में लेकर उनके पैसे लूटने का एक जरिया है। न तो पुलिस के अफसर और न ही कोई अधिकारी फोन पर इस तरह की जानकारी या धमकी देते हैं, इसलिए लोगों को ऐसे कॉल पर विश्वास नहीं करना चाहिए। इसी को लेकर ‘द वायरल फीवर’ द्वारा जारी वीडियो ‘फुलेरा के साइबर क्राइम’ के दूसरे भाग का यूज कर बिहार पुलिस ने लोगों से यह बताने की कोशिश की है कि किसी भी पुलिस, सीबीआई या कस्टम अधिकारी या फिर जज आदि के नाम से आए कॉल पर विश्वास न करें, ऐसे अधिकारी फोन पर इस तरह से न धमकाते हैं और न ही एफआईआर की कॉपी दिखाकर पैसे भेजने की बात करते हैं। अपने ‘सावधान मिशन’ के तहत बिहार पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है, ताकि कोई भी साइबर फ्रॉड के शिकार न बनें।
साइबर फ्रॉड आजकल युवाओं को ज्यादा टारगेट करते हैं। सोशल मीडिया यूजर के अलावा ऐसे लोगों को भी अपना निशाना बनाते हैं, जो अपनी कमाई का कुछ हिस्सा इनवेस्ट करना चाहते हैं। इनवेस्टमेंट के नाम पर ऐसे हजारों ग्रुप बन चुके हैं, जो किसी न किसी तरह से युवाओं को अपनी जाल में फँसाते हैं। बिहार पुलिस का सोशल मीडिया सेंटर चौबीसों घंटे ऐसे लोगों पर नजर रखती है, जिससे राज्य के लोग ऐसी ठगी के शिकार न हों। लगभग हर दिन साइबर फ्रॉड से जुड़े अवेयरनेस पोस्ट वीडियो या टेक्स्ट के माध्यम से शेयर किए जाते हैं, जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा अवेयर हो सकें। कुछ दिन पहले ही ‘द वायरल फीवर’ द्वारा जारी वीडियो के साथ बिहार पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की थी कि इनवेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है। ‘फुलेरा के सायबर क्राइम’ नाम से जारी इस सीरीज में बिहार के कलाकार पंकज झा और अमिताभ बच्चन हैं। यहां बताते चलें कि बिहार पुलिस के पेज पर इस अपडेटेड वीडियो के पोस्ट होने के बाद अभिनेता पंकज झा ने भी अपने इंस्टाग्राम पर स्टोरी लगाई थी। लोगों के बीच जागरूकता फैलाने वाले इन वीडियो के जरिए लोगों से अपील की जाती है कि किसी भी संदिग्ध लिंक या ऐप पर क्लिक करने से पहले स्टॉप, थिंक एंड देन टेक एक्शन। यदि आप किसी साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते हैं,

तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर इसकी रिपोर्ट करें।

पब्लिक से सीधे जुड़ाव के कारण बिहार पुलिस के फॉलोवर्स लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में फेसबुक पर बिहार पुलिस के 9 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हो गए हैं। दरअसल, बिहार पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर से चौबीसों घंटे राज्य भर के लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट पर पैनी नजर रखी जा रही है। सोशल मीडिया पर किसी तरह की अफवाह फैलाने वाले, भ्रामक या उन्माद फैलाने वाले पोस्ट करने वाले, हथियार का प्रदर्शन करने वाले, किसी का वीडियो वायरल करने वाले या फेक अकाउंट बनाने वालों पर चौबीसों घंटे नजर रखी जाती है। इस तरह की गतिविधियों से किसी भी तरह से समाज या लोगों को दिग्भ्रमित करने वालों के खिलाफ संबंधित अधिकारी या विभाग को पूरी जानकारी भेजी जाती है, ताकि समय पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई हो। सोशल मीडिया पर बिहार पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि फेसबुक, इंस्टाग्राम व एक्स पर बिहार पुलिस के लगभग 16 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हो चुके हैं, जो राज्य के किसी भी सरकारी विभाग से बहुत आगे है।

*किन-किन तरीकों से साइबर अपराधी लगाते हैं चूना*
डिजिटल अरेस्ट, आधार आधारित पेमेंट सिस्टम, यूपीआइ आधारित ठगी, डीमैट या जमा करने से संबंधित धोखाधड़ी, फ्रॉड काल या फिशिंग, ई-वैलेट संबंधित धोखाधड़ी, व्यवसाय या आफर से जुड़े ई-मेल के जरिए, इंटरनेट बैंकिंग संबंधित ठगी, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले अपराध और सिम स्वैप कर की जाने वाली धोखाधड़ी, लाटरी जीतने, सदस्य बनाकर कमाई करने, इनवेस्टमेंट के नाम पर पैसा दोगुना-तीनगुना करने जैसे झांसों के जरिए ये साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।

*फ्रॉड का शिकार हो जाने पर क्या करें?*
– तुरंत साइबर सेल या पुलिस में रिपोर्ट करें।
– बैंक/क्रेडिट कार्ड कंपनी को सूचित करें।
– सभी पासवर्ड बदलें और 2FA सक्षम करें।
– साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ की मदद लें।
– भारत सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल का उपयोग करें।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *