गैर-संचारी बीमारियों से नियंत्रण के लिए जागरूकता जरूरी
गैर संचारी कोषांग की ओर से जिले भर में जगह-जगह होर्डिंग्स लगाए गए

संपादक विकाश कुमार राय
सीतामढ़ी, 12 अक्टूबर - गैर- संचारी बीमारियों जैसे कैंसर, रक्तचाप, शुगर, लकवा और अन्य कई बीमारियों के नियंत्रण के उद्देश्य से चलाए जा रहे नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिजीजेज एंड स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) कार्यक्रम के तहत जिले भर में लगातार गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इसी के तहत बुधवार को जिले भर में दर्जनों स्थानों पर होर्डिंग्स लगाए गए और जागरूकता अभियान चलाया गया। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि गैर-संचारी बीमारियों के साथ हो रही मौतें को घटाने, रोकथाम, लाइफ स्टाइल बदलने और समय-समय सेहत जांच करवाने के लिए सचेत करने के लिए जागरूकता जरूरी है। इसी मकसद से गैर संचारी कोषांग की ओर से जगह-जगह होर्डिंग्स लगाए गए हैं।
गैर संचारी कोषांग की टीमें लगा रही जांच और जागरूकता शिविर-
डॉ. सिन्हा ने बताया कि गैर संचारी कोषांग की टीमें लगातार जांच और जागरूकता शिविर लगा रही हैं। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक द्वारा विशेष दिशा निर्देश दिया गया है। इसी के तहत दशहरा के अवसर पर दुर्गा पंडालों में गैर संचारी रोगों तथा तंबाकू निषेध के लिये जागरूक किया गया। इसके साथ ही तंबाकू मुक्त सीतामढ़ी के लिए लगातार अभियान जारी है। अभियान चलाकर तंबाकू सेवन करने वालों पर कार्यवाई की जा रही है। चालान काट कर जुर्माना किया जा रहा है, जिससे लोग तंबाकू के इस्तेमाल और इसके दुष्प्रभाव को जान सके।
युवाओं में बढ़ रहा तंबाकू सेवन का चलन-
डॉ सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि तंबाकू का किसी भी तरह से सेवन कैंसर का कारक है। पान मसाले के साथ तंबाकू मिलाकर सेवन करने और खैनी खाने से मुंह के कैंसर के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। यह युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रहा है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे रिपोर्ट 2017 के अनुसार, बिहार में 25.9 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। वहीं 13 से 15 वर्ष के करीब 14.6 फीसदी बच्चे तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। यह एक धीमे जहर के रूप में कार्य करता है।