इथेनॉल निर्माण के क्षेत्र में बिहार प्रदेश की होगी अग्रणी भूमिका - युवा उद्यमी आशुतोष शंकर
इथेनॉल निर्माण के क्षेत्र में बिहार प्रदेश की होगी अग्रणी भूमिका - युवा उद्यमी आशुतोष शंकर

- जैव इंधन के रूप में इथेनॉल सस्ता, पर्यावरण को नहीं होगा खतरा
गरीब दर्शन/पटना - इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में युवा उद्यमी सह री ग्रीन एक्सेल ईपीसी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक एवं प्रदेश भाजपा के सह कोषाध्यक्ष आशुतोष शंकर सिंह ने बिहार प्रदेश के करीब एक दर्जन से अधिक जिलों में उत्पादन इकाई की स्थापना कर दुष्यंत की इन पंक्तियों को "कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों" को अक्षरशः चरितार्थ करने का काम किया है। इतना ही नहीं, इनकी कंपनी को इथेनॉल के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए मुंबई में 2022 में आयोजित शुगर इथेनॉल इंडिया कॉन्फ्रेंस में एशिया का सबसे बड़ा इथेनॉल प्लांट लगाने के लिए पुरस्कृत किया गया। इनके प्लांट की प्रतिदिन क्षमता 8 लाख लीटर इथेनॉल उत्पादन करने की है। इनकी कंपनी को कानपुर में इथेनॉल के क्षेत्र में बेहतर कार्य किए जाने को लेकर पुरस्कृत किया गया है। पटना में बीते दिनों लेटेस्ट इंस्पायर बिहार द्वारा इन्हें "प्रेरणा स्रोत सम्मान 2023" से सम्मानित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहु प्रतीक्षित परिकल्पना देश के ढाई सौ शहरों में इथेनॉल प्लांट लगाया जाना है।जिसे साकार करने हेतु युवा उद्यमी दिन- रात एक किए हुए हैं। अबतक 160 प्लांट बिहार समेत देश के विभिन्न प्रांतों में री ग्रीन एक्सल कंपनी लगा रही है।श्री सिंह ने इथेनॉल के क्षेत्र में भारत एवं प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने हेतु विगत कई वर्षों से अपनी कंपनी की टीम के साथ प्रदेश एवं समूचे देश में प्रधानमंत्री के संकल्प पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल के प्रयोग हेतु उत्पादन बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित हैं। अब तक री ग्रीन एक्सल ने प्रदेश के गोपालगंज, बगहा, बेतिया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, हाजीपुर, मोकामा सहित कई जिलों में इथेनॉल प्लांट लगाया है।निकट भविष्य में रीगा चीनी मिल में भी प्लांट लगाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि गन्ने के साथ-साथ अनाज आधारित इथेनॉल प्लांट पूरे देश में मेरी कंपनी लगा रही है। यहां बताते चलें कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक 20% इथेनॉल और पांच प्रतिशत बायोडीजल की देशव्यापी मिश्रण दरों का लक्ष्य निर्धारित करने के लिए जैव ईंधन नीति में संशोधन किया है।भारत सरकार ने नवंबर 2022 की लक्षित समय- सीमा से कुछ महीने पहले जून 2022 में पेट्रोल में 10% इथेनॉल मिशन का लक्ष्य हासिल कर लिया है। सरकारी अनुमान के मुताबिक इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम से पिछले 9 वर्षों में 54000 करोड रुपए से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। श्री सिंह ने कहा है कि पिछले 8 वर्षों में ओएमसी ने इथेनॉल आपूर्ति के लिए डिस्टिलर्स को 82000 करोड रुपए से अधिक का भुगतान किया है, जिसमें- से 48000 करोड रुपए किसानों को दिए गए हैं।जहां तक इसके पर्यावरणीय प्रभाव का मुद्दा है, सम्मिश्रण कार्यक्रम से अब तक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में 30 मिलियन टन की कमी आई है।वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत प्राथमिकताओं में- से एक है और इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री श्री पुरी ने की थी। वर्तमान में भारत अपनी तेल आवश्यकता का पचासी प्रतिशत से अधिक आयात करता है और इथेनॉल मिश्रण पेट्रोलियम पर निर्भरता को कम करने में मदद कर सकता है। इस प्रकार, इथेनॉल सम्मिश्रण देश के लिए अरबों डॉलर बढ़ाने और आयात निर्भरता को कम करने में सहायक होगा। श्री सिंह ने कहा है कि भारत में उत्पादित कुल इथेनॉल का उत्पादन 40% एक्सेल संयंत्र से होता है। आने वाले दिनों में बिहार समेत पूरे भारत में एक्सेल 40 से अधिक के प्लान्ट तैयार करेगा।अब भविष्य के ईंधन का स्रोत कहे जा रहे इथेनॉल के उत्पादन में बिहार देश का अग्रणी राज्य होगा। युवा उद्यमी सह भाजपा नेता आशुतोष शंकर सिंह सीतामढ़ी जिले के परिहार प्रखंड के कोईरिया पिपरा गांव के रहने वाले हैं। राजनीति में भी उनकी सक्रियता को देखते हुए प्रदेश भाजपा ने उन्हें सह कोषाध्यक्ष के पद से नवाजा है। इथेनॉल के क्षेत्र में श्री सिंह के अविस्मरणीय कृतित्व को लेकर सीतामढ़ी सहित पूरे प्रदेश के भाजपा नेताओं ने शुभकामनाएं एवं बधाईयां दी है।