यूएई में मची दशहरे की धूम हुए कई सांस्कृतिक कार्यक्रम
यूएई में मची दशहरे की धूम हुए कई सांस्कृतिक कार्यक्रम

गरीब दर्शन - भारतीय संस्कृति की धूम पूरी दुनिया में मची हुई है। एक तरफ इंडोनेशिया जैसा इस्लामिक देश रामायण को अपनी संस्कृति मानता है वहीं यूएई में 'बदी पर नेकी का प्रतीत' पर्व दशहरा कई भारतीय समाज के लोगो द्वारा अलग अलग जगहों पर समारोह पूर्वक धूमधाम के साथ मनाया गया। उल्लेखनीय है कि पूर्वांचल ग्लोबल फोरम की ओर से दुबई स्थित होटल में दशहरा फैस्टीवल का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में अप्रवासी भारतीय कम्युनिटी के लोगों ने भाग लिया। फैस्टीवल का शुभारंभ माता की पूजा आराधना से शुरू हुआ और प्रसाद वितरण, इसे और बेहतर ढंग से कैसे किया जाय इसपर समाज के लोगो द्वारा विचार व्यक्त किये जाने और पुनः इससे भी बृहद स्तर पर आयोजन के संकल्प के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर आयोजित किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों द्वारा अपनी कला का बहुत ही अच्छी तरह से प्रदर्शन किया गया जबकि भगवान श्री राम एवं माता सीता के जीवन पर आधारित श्री रामायण का मंचन बहुत ही प्रभावी ढंग के साथ किया गया। वही भोजपुरिया समाज दुबई के तत्वावधान में दुबई के ही एक अन्य होटल में एक और दशहरा मिलन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ इसमें भी भोजपुरिया समाज के लोग काफी बड़ी संख्या में एकत्रित होकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिए। यहाँ भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ । दुबई से सटे यूएई के प्रमुख शहरों में शुमार शारजाह में बंगाली समाज के लोगों द्वारा दुर्गापूजा का आयोजन किया गया। इसमें भी काफी बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी भागीदारी दिखाई । इस पूजा में दुबई , आबूधाबी समेत यूएई के कई शहरों से लोगों ने आकर शिरकत की । यूएई की राजधानी आबूधाबी में भी आर्ट क्राफ्ट , बिहार झारखंड भोजपुरिया समाज, अवधि समाज व अन्य कई समाज के लोगो द्वारा दशहरा मिलन समारोह का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में अप्रवासी भारतीयों ने शिरकत किया । यहाँ दुर्गा पूजा के साथ साथ गरबा का भी आयोजन किया गया । जिसमें समाज की महिलाओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और दिखा दिया कि अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी हम अपने त्योहार, संस्कृति से अलग नही हुए है । इस प्रकार के कार्यक्रम होने से विदेशी लोगो मे भारतीयों के प्रति एक अच्छा मैसेज जा रहा है और हमारी युवा पीढ़ी के साथ - साथ विदेशी लोग भी हमारी सभ्यता - संस्कृति से जुड़ रहे है ।