सही समय पर इलाज होने से पैरालिसिस का अधिकतम मरीज ठीक हो जाता है : डॉ. दीपक कुमार
सही समय पर इलाज होने से पैरालिसिस का अधिकतम मरीज ठीक हो जाता है : डॉ. दीपक कुमार

मोतिहारी - विश्व स्ट्रोक( पक्षघात, लकवा) दिवस के मौके पर अमन हॉस्पिटल मोतीहारी के सभागार में सेमिनार सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । हॉस्पिटल के निदेशक डॉ दीपक कुमार, कर सलाहकार मनोज जायसवाल, खुशबू कुमारी, ई. राजीव श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से दिप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। कार्यक्रम में हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. दीपक कुमार ने मरीजों, अभिभावकों, एवं आये हुए सभी गणमान्य लोगों के बीच ब्रेन स्ट्रोक के विषय मे विस्तार से परिचर्चा कर जागरूकता फैलाया। सही समय पर लक्षणों को पहचान कर एवं उचित इलाज कर के जिंदगी को बचाया जा सकता है और स्ट्रोक से होने वाले लकवा संबधी समस्या को कम किया जा सकता है। मनुष्य के मस्तिष्क में लाखों कोशिकाओं को रक्त एवं ऑक्सिजन पहुचाने के लिये कई रक्त नलिकाएं हृदय से जुड़ी होती है जो मस्तिष्क को रक्त, ऑक्सीजन एवं पोषकतत्व पहुचाती है, जब इन रक्त नलिकाओं में रक्त का आपूर्ति बंद हो जाता है तो मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती है, इसी के कारण ब्रेन स्ट्रोक या दिमागी दौरा पड़ता है, मस्तिष्क में ब्लड क्लॉट करने या रक्तस्राव से ब्रेन स्ट्रोक होता है । ब्रेन के रक्त नलिकाओं में रुकावट के कारण रक्त एवं ऑक्सिजन की सप्लाई बन्द होती है जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती है उस कंडीशन्स के स्ट्रोक को इंफारक्शन कहते है। रक्त नलिकाओं के फट जाने के कारण मस्तिष्क में रक्त आपूर्ति बंद हो जाती है, इस परिस्थिति को ब्रेन हेमरेज कहते है । अधिकांशतः उच्चरक्तचाप वाले मरीज, डाईबेटिज, उच्च कोलेस्ट्रोल, ध्रूमपान करने वालें, शराब के सेवन करने वालो में यह समस्या ज्यादा होता है, अवसाद से पीड़ित व्यक्ति भी रिस्क जोन में है। डॉ दीपक कुमार ने लक्षणों पर चर्चा करते हुए बताया कि मरीज को अचानक गंभीर सिरदर्द हो सकता है, अचानक मरीज संवेदनशून्यता के साथ शरीर के एक भाग में कमजोरी या सुन्नापन आ जाता है, चलने में मुश्किल आना , चक्कर आना , चेहरे का एक साइड सुन्न हो जाना आदि लक्षण प्रकट हो सकता है । उपचार के विषय मे बताते हुए कहा कि स्ट्रोक होने पर 3 से 4 घण्टे के भीतर इलाज प्रारम्भ करने से मृत्युदर एवं विकलांगता में काफी कमी आ जाती है । डॉ कुमार ने रोकथाम पर चर्चा करते हुए कहा कि रक्तचाप वाले एवं चीनी के मरीज को नियमित चेक करा कर रक्तचाप एवं चीनी कंट्रोल रखना चाहिये। तनाव नही लेना चाहिये, धूम्रपान एवं शराब का सेवन नही करें, नियमित व्यायाम करें, अपना वजन नियंत्रित रखें, गर्भनिरोधक गोली का सेवन नही करें । कार्यक्रम में नरेश कुमार यादव, प्रभावती देवी, कौशल कुमार, सुधीर कुमार, रामाधार प्रसाद, अजय यादव, सुरेश कुमार मेहता, शिवशंकर सिंह, मुन्ना यादव, रीना यादव, अमरेज आलम आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे ।