मंदिर तोड़ने को लेकर परशुराम सेना ने एसपी को सौंपा ज्ञापन

मंदिर तोड़ने को लेकर परशुराम सेना ने एसपी को सौंपा ज्ञापन

मंदिर तोड़ने को लेकर परशुराम सेना ने एसपी को सौंपा ज्ञापन

मंदिर तोड़ने को लेकर परशुराम सेना ने एसपी को सौंपा ज्ञापन


रामा शंकर चौबे/गरीब दर्शन/कैमूर- बीते दिनों जिला के कुचिला थाना अंतर्गत मुखराम गांव में असामाजिक तत्वों के द्वारा श्री हनुमान जी की मूर्ति तथा विश्वकर्मा मंदिर को छतिग्रस्त कर दिया गया था जिसके बाद परशुराम सेना सक्रिय हो गई है। घटना के बाद परशुराम सेना के द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया था। सोमवार को परशुराम सेना के प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी ने कैमूर एसपी ललित मोहन शर्मा से मिलकर मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर ज्ञापन सौंपा। परशुराम सेना के द्वारा दिए गए आवेदन में बताया गया है कि नुआंव प्रखंड के मुखरांव गांव में तालाब के किनारे स्थित भगवान विश्वकर्मा  जी का मंदिर एवं भगवान महावीर जी का मंदिर तोड़ने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही हो। तालाब के किनारे सैकड़ों साल पहले अस्तित्व में आए भगवान श्री विश्वकर्मा  तथा भगवान महावीर जी की मूर्ति की पूजा होती आ रही है। भारत में ऐसी मान्यता रही है कि जहां भी लोग स्नान करते हैं वहां पूजन करते हैं इसी उद्देश्य से जब वहां तालाब निर्मित हुआ होगा तो वहां स्नान के बाद पूजा के लिए भगवान हनुमान और भगवान विश्वकर्मा जी की मूर्ति स्थापित की होगी।  यह भी ध्यान देने का विषय है कि जब तालाब का निर्माण किया गया होगा तो उस समय जमीन सर्वसाधारण जमीन नहीं थी उस समय जमीदारी प्रथा थी। जिसके कारण लोगों ने तालाब बनवाया होगा। उस समय लोगों की निजी संपत्ति होगी फिर भी आजादी के बाद जितने भी तालाब कुआं इत्यादि का निर्माण निजी स्तर पर किया गया था उन सब पर सरकारी करण किया गया। जबकि असामाजिक तत्वों के द्वारा कहा जा रहा है कि तालाब के किनारे सरकारी जमीन पर है। यह सरासर गलत है। यह आजादी से पहले का तालाब है और आजादी से पहले का बना हुआ मूर्ति स्थापित है। ऐसे में असामाजिक तत्वों के द्वारा  यह बेतुका की मांग है की वहां पर भगवान महावीर जी तथा विश्वकर्मा भगवान के मंदिर को हटाया जाए और बाबा साहब अंबेडकर के मंदिर बनाया जाए। उन लोगों को शायद नहीं मालूम  है की जितना पुराना अस्तित्व तालाब का है उतना पुराना स्थित वहां स्थित भगवान विश्वकर्मा मूर्ति तथा भगवान हनुमान जी की मूर्ति का है और जिन असामाजिक तत्वों ने मंदिर को क्षति पहुंचाया है वह इसाईयत और बौद्ध धर्म मे अपना धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। इसलिए उनकी आस्था सनातन धर्म मे नहीं है। यह लोग आरक्षण का लाभ लेने के लिए हिंदू कागजों में बने हुए है। अगर इस मामले में असामाजिक तत्वों पर 1 हफ्ते के भीतर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही नहीं की गई तो कैमूर जिले के सभी हिंदूवादी संगठन जिला मुख्यालय पर आमरण अनशन शुरू कर देंगे।