हाई ब्लड प्रेशर एवं डायबिटिज के मरीजों में लकवा होने का अधिक खतरा: डॉ० गोपाल
हाई ब्लड प्रेशर एवं डायबिटिज के मरीजों में लकवा होने का अधिक खतरा: डॉ० गोपाल

मोतिहारी - शहर के अगरवा माई स्थान स्थित गौतम बुद्ध दर्द उपचार क्लिनिक में विश्व स्ट्रोक (लकवा) दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जानकारी देते हुए क्लिनिक के निदेशक डॉ० गोपाल कुमार सिंह ने बताया कि लोगों को स्ट्रोक यानी लकवा की समस्या के प्रती जागरूक बनाने के उद्देश्य से प्रती वर्ष 29 अक्तूबर को पुरे दुनिया में विश्व स्ट्रोक (लकवा) दिवस मनाया जाता है।ब्रेन यानी दिमाग के रक्त वाहिका के अचानक फट जाने (ब्रेन हेमरेज) या ब्लड क्लाॅट होने से रक्त का संचार यानी आपूर्ति बाधित हो जाती है और ब्रेन यानी दिमाग की कोशिकाएं मृत होने लगती है इस अवस्था को ब्रेन स्ट्रोक यानी लकवा के नाम से जाना जाता है। डॉ० गोपाल ने बताया कि वर्तमान समय में युवाओं के नसा के सेवन, स्मोकिंग एवं मानसिक तनाव के कारण लकवा की समस्या काफी बढ़ रही है। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटिज एवं हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में स्ट्रोक यानी लकवा होने का अधिक खतरा रहता है।
डॉ० गोपाल ने स्ट्रोक यानी लकवा के लक्षण के बारे में बताया की अचानक हाँथ एवं पैर में विशेष रूप से शरीर के एक भाग में कमजोरी आ जाना।
खड़ा होने, चलने में एवं बोलने में परेशानी होना। अचानक सिर में दर्द होना, चक्कर आना एवं चेहरे का एक ओर झुक जाना इस प्रकार के लक्षण दिखे तो ये स्ट्रोक यानी लकवा का लक्षण माना जाता है।डॉ० गोपाल ने कहा की लकवा के मरीज का पहचान होते ही समय रहते उचित ईलाज के द्वारा मरीज की जिन्दगी बचायी जा सकती है और समय पर सही उपचार नही होने पर मरीज सदा के लिए अपाहिज भी बन सकता है। फिजियोथेरेपी लकवा के उपचार में बहुत ही कारगर एवं लाभदायक साबित होता है।डॉ० गोपाल ने बताया की स्ट्रोक यानी लकवा से बचने के लिए तम्बाकू, धुम्रपान एवं शराब के सेवन से परहेज करें, अनावश्यक तनाव से बचें, नियमित व्यायाम करें।