प्रो ब्रह्मचारी व्यास नंदन शास्त्री ने किया एलएनडी काॅलेज का निरीक्षण

प्रो ब्रह्मचारी व्यास नंदन शास्त्री ने किया एलएनडी काॅलेज का निरीक्षण

प्रो ब्रह्मचारी व्यास नंदन शास्त्री ने किया एलएनडी काॅलेज का निरीक्षण

गरीब दर्शन/मोतिहारी - शहर के लक्ष्मी नारायण दूबे महाविद्यालय में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के उच्चाधिकारियों द्वारा निरीक्षण का सिलसिला जारी है। जहां सोमवार को बीआरएबीयू के आदेशानुसार प्रो. मृगेंद्र कुमार द्वारा इस काॅलेज के विविध पहलुओं का निरीक्षण किया गया वहीं मंगलवार को प्रो. (डॉ.) ब्रह्मचारी व्यास नंदन शास्त्री ने ससमय काॅलेज पहूंचकर एकेडमिक, एडमिनिस्ट्रेटीव, फाइनेंशियल व मोटिवेटिव निरीक्षण किया। उच्चाधिकारी के रूप में निरीक्षण के लिए आए संस्कृत विद्वान प्रो.(डॉ.) ब्रह्मचारी व्यास नंदन शास्त्री ने कहा कि मातृमान् पितृमान् आचार्यवान् पुरुषो वेद अर्थात् माता - पिता एवं गुरु इन तीनों के सहयोग से ही एक मनुष्य को मनुष्यता प्राप्त होती है। इन तीनों के द्वारा स्वधर्म के अनुपालन से भारत विश्वगुरू के पद को सुशोभित सकता है। उन्होंने एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक एकेडमिक ब्लॉक, बीएड ब्लॉक, निर्माणाधीन पीजी ब्लॉक, प्राचार्य कक्ष, कार्यालय कक्ष, लेखांकन कक्ष, यहां शिक्षक कक्ष, सभी वर्ग कक्ष, सभी प्रयोगशाला, पुस्तकालय, जिम, लैंग्वेज लैब, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल, सभागार , क्रीड़ा मैदान इत्यादि का सूक्ष्मता पूर्वक निरीक्षण किया। उन्होंने कक्षाओं का भौतिक निरीक्षण करते हुए विज्ञान, कला व मानविकी संकाय की कक्षाओं में विद्यार्थियों के बढ़ते कोलाहल पर संतोष व्यक्त किया। यहां न्यूनतम संसाधन में भी कक्षा समय-सारणी के अनुकूल  विद्यार्थियों के अधिकतम हित की चिंता प्राचार्य की प्रशासनिक सफलता है। उन्होंने यहां प्रो. अरविंद कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिशीलता को अन्य महाविद्यालयों के लिए अनुकरणीय बताया। उन्होंने यहां शिक्षक और विद्यार्थियों के मध्य सामंजस्य को देखते हुए इसे उत्साहवर्धक कहा। प्रो.(डॉ.) ब्रह्मचारी व्यास नंदन शास्त्री ने यहां पदस्थापित सभी नियमित शिक्षकों, अंशकालीन अतिथि शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों की भौतिक उपस्थिति का अनुश्रवण करते हुए सभी का  परिचय लिया। उन्होंने भौतिकी, रसायनशास्त्र, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, मनोविज्ञान व भूगोल विभाग की कार्यशील प्रयोगशाला को देखकर उसे प्रेरणादायी बताया। उन्होंने विद्यार्थियों की बढ़ती  संख्या के अनुपात में शिक्षकों के पदसृजन की जगह रेशनलाईजेशन के नाम पर शिक्षक पदों में कटौती पर असंतुष्टि जाहिर किया। उन्होंने पुस्तकालय की भंडार पंजी व वितरण पंजी का भी अवलोकन किया। उन्होंने यहां लेखा शाखा के सभी शीर्षों,उपशीर्षों में रोकड़ पंजी के अद्यतन होने पर भी हर्ष व्यक्त किया। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित/नवनियुक्त हिंदी के सहायकाचार्यों ने पिछले छः महीने से वेतन नहीं मिलने की पीड़ा निरीक्षी पदाधिकारी के साथ साझा किया, वहीं अंशकालीन अतिथि शिक्षकों ने अपने नवीनीकरण की समस्या से निरीक्षी पदाधिकारी को अवगत कराया। उन्होंने उक्त समस्याओं के निराकरण के लिए एवं इस महाविद्यालय में गणित, मनोविज्ञान एवं अंग्रेजी में शिक्षकों की यथाशीघ्र पद-स्थापना के लिए विश्वविद्यालय के उच्चाधिकारियों को अनुशंसा प्रेषित करने की बात कही। उन्होंने यहां छात्राओं के लिए अत्याधुनिक वाशरूम/कॉमन रूम की कमी पर प्राचार्य को निर्देश देते हुए कहा कि महाविद्यालय में प्रसाधन के नाम पर विद्यार्थियों का कष्ट अस्वीकार्य है। निरीक्षण के मौके पर शिक्षकों की ओर से प्रभारी प्राचार्य डॉ. सुबोध कुमार, डॉ. राजेश कुमार सिन्हा, डॉ. पिनाकी लाहा, डॉ. सर्वेश दूबे, प्रो. राकेश रंजन कुमार, प्रो. अरविंद कुमार, मीडिया प्रभारी डॉ.कुमार राकेश रंजन, डॉ. जौवाद हुसैन, डॉ.संतोष विष्नोई, डॉ. रविरंजन सिंह, डॉ. प्रभाकर कुमार, डॉ. नीरज कुमार, डॉ.स्वर्णा रानी व शिक्षकेतर कर्मियों की ओर से प्रधान सहायक राजीव कुमार, अंकेक्षक कामेश भूषण, अखिलेश कुमार सहित सभी उपस्थित रहे।