परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का उठायें लाभ- डीसीएम

शिशु जन्म के उचित प्रबंधन के लिए जरूरी है अस्थायी  साधन

परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का उठायें लाभ- डीसीएम

सहरसा, 18 जुलाई। जिले में परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा चलाया जा रहा है। विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई के अवसर पर जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य से 11 से 31 जुलाई तक जिले में परिवार नियोजन सेवा पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत जिले में योग्य दम्पतियों के बीच परिवार नियोजन के विभिन्न उपायों के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें प्रेरित कर परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके लिए आशा कार्यकर्त्ता, एएनएम एवं अन्य स्वाथ्य कर्मी क्षेत्र में घूम-घूम कर लोगों को परिवार नियोजन अपनाने के लिए जागरूक एवं उत्प्रेरित कर रहे हैं। नियोजित परिवार सुख का आधार होता है। बढ़ती जनसंख्या हमारे सभी प्रकार के संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव करेगी।

शिशु जन्म के उचित प्रबंधन के लिए जरूरी अस्थायी साधन-
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक(डीसीएम) राहुल किशोर ने बताया परिवार नियोजन के साधनों को मुख्यतः दो हिस्सों में बांटा गया है, अस्थायी और स्थायी। अस्थायी साधनों का उपयोग कर दम्पति अपने दो बच्चों के जन्म में उचित अंतराल, अनावश्यक गर्भधारण पर तत्कालिक रोक सहित अन्य कई प्रकार के लाभ ले सकते हैं। जिले में कार्यरत आशा कार्यकर्त्ता द्वारा गृह भ्रमण कर अपने पोषक क्षेत्र में योग्य दम्पतियों को सूचिबद्ध करते हुए, उनकी काउन्सिलिंग कर परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के उपयोग के बारे में जानकारी दी जाती है। उन्हें सीमित परिवार के लाभों से अवगत कराते हुए उत्प्रेरित कर परिवार नियोजन के अस्थायी साधन उनकी इच्छा के अनुरूप उपलब्ध करायी जाती है। उन्होंने बताया परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों में कंडोम, पी.पी.ओ., छाया, अंतरा सूई, माल-एन, आईयूसीडी आदि प्रमुख हैं। इनमें से लम्बी अवधि के लिए उपयोग में लायी जा सकने वाली परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों में आईयूसीडी प्रमुख है। जांचोपरान्त इसकी सेवाएं प्रशिक्षित सेवा प्रदाता द्वारा प्रदान की जाती हैं। राहुल किशोर ने बताया वैसे दम्पति जो शिशु जन्म के उचित प्रबंधन से भली भांति अवगत हैं, उनके लिए परिवार नियोजन के अस्थायी साधन उपयोगी हैं।

बंध्याकरण परिवार नियोजन का स्थायी साधन-
परिवार नियोजन के स्थायी साधनों के बारे में जानकारी देते हुए जिला सामुदायिक उत्प्रेरक राहुल किशोर ने बताया स्थायी साधन उन दम्पतियों के लिए बहुत जरूरी है जो अपने परिवार के विस्तार पर स्थायी रूप से रोक लगाना चाहते हैं। स्थायी साधनों में महिला या पुरुष बंध्याकरण प्रमुख हैं। इनका पुनः प्रतिस्थापित किया जाना कठिन है। महिलाओं में बंध्याकरण सेवाओं का लाभ प्रसव/गर्भपात पश्चात 7 दिनों  के अंदर या 6 सप्ताह के बाद अपनाया जा सकता है। वहीं पुरुषों द्वारा इसे कभी भी अपनाया जा सकता है। उन्होंने  बताया बंध्याकरण अब केवल महिलाओं तक ही सीमित नहीं रह गया है बल्कि कई ऐसे पुरुष भी हैं जो परिवार नियोजन के स्थायी साधन बंध्याकरण को अपना रहे हैं। वे अपनी पारिवारिक दायित्वों से अच्छी तरह से अवगत हैं। बंध्याकरण संबंधी सेवाएं जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर शिविर का आयोजन करते हुए प्रदान की जाएंगी। इस संबंध में क्षेत्र भ्रमण कर रहीं आशा कार्यकर्त्ताओं, एएनएम, प्रखंड स्वास्थ्य उत्प्रेरक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी ।