भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का सर्वोत्तम मास कार्तिक सोमवार से शुरू

भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का सर्वोत्तम मास कार्तिक सोमवार से शरू

भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का सर्वोत्तम मास कार्तिक सोमवार से शुरू

भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का सर्वोत्तम मास कार्तिक सोमवार से शुरू

 पंचांगीय गणना के अनुसार इस बार कार्तिक मास में छह सर्वार्थसिद्धि व एक अमृतसिद्धि योग का संयोग बन रहा है। एक माह में पांच सोमवार व पांच मंगलवार की साक्षी भी शुभ मानी जा रही है। इस पुण्य मास में तुलसी शालिग्राम का पूजन तथा यम के निमित्त दीपदान करने से क्रमशः सुख समृद्धि तथा अज्ञात भय से निवृत्ति मिलती है। कार्तिक मास में विशेष योग तथा वारों का संयोग बन रहा है। इस माह में आने वाले व्रत त्योहार भी विशिष्ट योग नक्षत्र की साक्षी में आ रहे हैं। ग्रह, योग, नक्षत्र की श्रेष्ठ स्थिति ने इस पुण्य पवित्र मास की शुभता को ओर बढ़ा दिया है।
जिस प्रकार शिव की भक्ति के लिए श्रावण मास विशेष है। उसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण की भक्ति के लिए कार्तिक मास सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। इस पुण्य पवित्र मास में संध्या काल में दामोदर अष्टक का पाठ तथा दीपदान करने का विशेष महत्व है। कार्तिक मास उत्सव के रूप में मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा से इसकी शुरुआत हुई, अब 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा तक निरंतर दीपदान व पाठ होगा। भक्त भगवान राधा दामोदर के दर्शन व दीपदान कर धर्मलाभ ले सकते हैं।
महत्व और नियम कार्तिक माह चातुर्मास का अंतिम महीना होता है. इसी माह से देव तत्व मजबूत होता है. इस महीने में धन और धर्म दोनों से संबंधित प्रयोग किए जाते हैं. इसी महीने में तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम होता है.
कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र महीना माना जाता है. यह चातुर्मास का अंतिम महीना होता है. इसी माह से देव तत्व मजबूत हो जाता है. इस महीने धन और धर्म दोनों से संबंधित प्रयोग किए जाते हैं. कार्तिक मास में तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम होता है. इस महीने दान करने से अक्षय शुभ फल की प्राप्ति होती है. विशेष तौर पर दीप दान करने से बड़ा लाभ मिलता है. इस बार कार्तिक का महीना 10 अक्टूबर दिन सोमवार से शुरू हो रहा है, जो 08 नवंबर 2022 तक रहेगा.
इस महीने से स्निग्ध चीजें और मेवे खाने की सलाह दी जाती है. जिन चीजों का स्वभाव गर्म हो और लम्बे समय तक उर्जा बनाए रखें. ऐसी चीजें खाने की सलाह दी जाती है. इस महीने में दाल (दलहन) खाने की मनाही की गई है. सूर्य की किरणों का स्नान भी इस महीने से उत्तम माना जाता है. इस महीने में दोपहर में सोने की भी मनाही की गई है.
कार्तिक मास श्री हरि का अत्यंत प्रिय है, इसलिए मां लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय है. इसी महीने भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है. इस महीने में मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और भक्तों को अपार धन देती हैं. मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ही इस महीने धन त्रयोदशी (धनतेरस), दीपावली, भैया दूज और गोपाष्टमी मनाई जाती है. इन त्योहार पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाई जा सकती है. इस महीने विशेष पूजा और प्रयोग करके आप आने वाले समय के लिए अपार धन पा सकते हैं और कर्ज तथा घाटे से मुक्त हो सकते हैं.
वैसे तो कार्तिक मास में मां लक्ष्मी की कृपा के लिए दीपावली जैसा बड़ा पर्व मनाया जाता है. फिर भी कार्तिक मास में हर दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के उपाय किए जाने चाहिए. कार्तिक मास में रोज रात्रि को भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की संयुक्त पूजा करें. गुलाबी या चमकदार वस्त्र धारण करके उपासना करें ! भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का सर्वोत्तम मास कार्तिक सोमवार से शुरू होगा। पंचांगीय गणना के अनुसार इस बार कार्तिक मास में छह सर्वार्थसिद्धि व एक अमृतसिद्धि योग का संयोग बन रहा है। एक माह में पांच सोमवार व पांच मंगलवार की साक्षी भी शुभ मानी जा रही है। कार्तिक मास में विशेष योग तथा वारों का संयोग बन रहा है। इस माह में आने वाले व्रत त्योहार भी विशिष्ट योग नक्षत्र की साक्षी में आ रहे हैं। ग्रह, योग, नक्षत्र की श्रेष्ठ स्थिति ने इस पुण्य पवित्र मास की शुभता को ओर बढ़ा दिया है। धर्मशास्त्रीय मान्यता के अनुसार कार्तिक मास में तीर्थ स्नान, तुलसी शालिग्राम का पूजन तथा भजन कीर्तन करने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है तथा परिवार में सुख समृद्धि आती है। यही नहीं इस माह में सूर्यास्त के पश्चात घर की छत पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तिल के तेल का दीपक लगाने से अज्ञात भय का नाश होता है तथा परिवार के सदस्य दीर्घायु होते हैं। मान्यता है कि घर की छत पर आठ पंखुड़ियों का कमल बनाकर उसके मध्य में तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित कर लक्ष्मी, इंद्र, यम, कुबेर के निमित्त ध्यान लगाकर समृद्धि, ऐश्वर्य, प्रगति तथा धार्मिक उन्नति की प्रार्थना करने से अनुकूलता प्राप्त होती है। एक माह दीपदान कर सकेंगे भक्त,
जिस प्रकार शिव की भक्ति के लिए श्रावण मास विशेष है। उसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण की भक्ति के लिए कार्तिक मास सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। इस पुण्य पवित्र मास में संध्या काल में दामोदर अष्टक का पाठ तथा दीपदान करने का विशेष महत्व है। कार्तिक मास उत्सव के रूप में मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा से इसकी शुरुआत हुई, अब 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा तक निरंतर दीपदान व पाठ होगा। भक्त भगवान राधा दामोदर के दर्शन व दीपदान कर धर्मलाभ ले सकते हैं।
 महत्व और नियम कार्तिक माह चातुर्मास का अंतिम महीना होता है. इसी माह से देव तत्व मजबूत होता है. इस महीने में धन और धर्म दोनों से संबंधित प्रयोग किए जाते हैं. इसी महीने में तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम होता है.
कार्तिक मास को अत्यधिक पवित्र महीना माना जाता है. यह चातुर्मास का अंतिम महीना होता है. इसी माह से देव तत्व मजबूत हो जाता है. इस महीने धन और धर्म दोनों से संबंधित प्रयोग किए जाते हैं. कार्तिक मास में तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम होता है. इस महीने दान करने से अक्षय शुभ फल की प्राप्ति होती है. विशेष तौर पर दीप दान करने से बड़ा लाभ मिलता है. इस बार कार्तिक का महीना 10 अक्टूबर दिन सोमवार से शुरू हो रहा है, जो 08 नवंबर 2022 तक रहेगा.
कार्तिक महीना भगवान विष्‍णु का प्रिय महीना है. कार्तिक मास में करवा चौथ, धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ जैसे कई प्रमुख व्रत और त्‍योहार पड़ते हैं. 
कार्तिक माह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है. इस साल 10 अक्‍टूबर से कार्तिक महीना शुरू हो रहा है. इस महीने में साल के कई प्रमुख व्रत-त्‍योहार पड़ते हैं. कार्तिक मास चातुर्मास का आखिरी महीना होता है. भगवान विष्‍णु भी 4 महीने की निद्रा के बाद इसी महीने की एकादशी को जागते हैं. शुभ कार्तिक मास में पड़ने वाले सभी व्रत-त्‍योहार तारीख -:
10 सोमवार, कार्तिक कार्तिक मास आरंभ हो, आकाशदीपारंभ,
11मंगलवार ,सर्वार्थअमृतसिद्धि योग, हस्त नक्षत्र समाप्ति और चित्रा नक्षत्र का आगमन
13 अक्टूबर, गुरुवार- करवा चौथ , संकष्टी गणेश चतुर्थी
14 अक्टूबर, शुक्रवार-  रोहिणी व्रत
16 अक्टूबर रविवार ,भानुसप्तमी
17 अक्टूबर, सोमवार ,राधा अष्टमी ,राधा जयंती
21 अक्टूबर, शुक्रवार- गोवत्स द्वादशी , वैष्णव रामा एकादशी 
22 अक्टूबर, शनिवार-  , शनि प्रदोष व्रत , धनतेरस , धन्वंतरी जयंती
23 रविवार ,मासशिवरात्रि व्रत, नरक चतुर्दशी ,हनुमान जयंती
24  अक्टूबर, सोमवार , दीपावली
25  अक्टूबर, मंगलवार- अमावस्या , भौमवती, खंडग्रास सूर्यग्रहण अमावस्या , 
27 अक्टूबर गुरुवार,- चंद्र दर्शन , अन्नकूट , गोवर्धन पूजा, भैया दूज
28 अक्टूबर, शुक्रवार वैनायकी गणेश चतुर्थी , सूर्य षष्ठी व्रत नहाखाए
29 अक्टूबर, शनिवार- लाभ पंचमी ,रवि योग, सिद्धि योग, षष्ठी व्रत खारना
30 अक्टूबर, रविवार- षष्ठी , छठ पूजा
31 अक्टूबर, सोमवार, सूर्य षष्ठी व्रत का पारणा
01 नवंबर, मंगलवार, गोपाष्टमी व्रत
02 नवंबर,बुधवार,अक्षय नवमी
03 नवंबर, गुरुवार- रवि योग, सिद्धि योग
04 नवंबर, शुक्रवार- प्रबोधिनी एकादशी ,तुलसी विवाह
05 नवंबर, शनिवार-, प्रदोष व्रत
06 नवंबर, रविवार- विश्वेश्वर व्रत,  श्रीबैकुंठ चतुर्दशी
07 नवंबर, सोमवार- मणिकर्णिका स्नान ,काशी विश्वनाथ प्रतिष्ठा दिनम्
08 नवंबर, मंगलवार- कार्तिक स्नान समाप्त , कार्तिक पूर्णिमा व्रत, देव दीपावली , खग्रास चंद्रग्रहण
कार्तिक मास में तुलसी पूजा 
कार्तिक मास में भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की कृपा पाने का सबसे अच्‍छा तरीका है कि रोजाना तुलसी के पौधे की पूजा करें. रोज सुबह तुलसी की पूजा करने के बाद शाम के समय तुलसी कोट में दीपक जलाएं. इससे खूब सुख-समृद्धि मिलती है.