बदलते मौसम में वायरल फीवर होना आम बात पर सतर्कता जरूरी: डॉक्टर आशुतोष दिनेन्द्र
बदलते मौसम में वायरल फीवर होना आम बात पर सतर्कता जरूरी: डॉक्टर आशुतोष दिनेन्द्र

गरीब दर्शन / सीवान
बदलते मौसम में वायरल फीवर होना आम बात है, लेकिन इसको लेकर सतर्कता बरतनी भी जरूरी है वरना आप बेवजह खतरा मोल लेने का काम करेंगे।इसके लक्षण को पहचानें और फिर तुरंत इलाज कराएं।जिले में लगातार वेदर चेंजेज देखने को मिल रहे है। बदलते मौसम में हमें काफी सतर्क रहना चाहिए क्योंकि ऐसे में संक्रमण का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है और हम बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। ऐसी ही एक डिजीज है वायरल फीवर जिसके चपेट में काफी लोग आ रहे हैं। तापमान में बार-बार बदलाव भी इसके पीछे की एक बड़ी वजह है। इसे नॉर्मल बुखार समझकर हल्के में न लें, क्योंकि आप अगर लापरवाही बरतेंगे तो कम से कम एक हफ्ते या इससे ज्यादा वक्त के लिए बेड रेस्ट पर जाना होगा।
वायरल फीवर को कैसे पहचानें?
बदलते मौसम में वायरल फीवर होना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन ये तेजी से फैलता है।इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि बरसात के मौसम में इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है और आसपास के लोग भी इससे प्रभावित हो जाते हैं।वायरल फीवड़ होने पर आपको सिर में दर्द, बुखार और गले में दर्द की शिकायत होती है। इसके अलावा आप गौर करेंगे कि मुंह का स्वाद बदल जाता है, जिसकी वजह से भोजन और पानी फीका लगने लगता है और भूख कम हो जाती है।
उल्टी और दस्त की शिकायत
वायरल फीवर के दौरान बॉडी टेम्प्रेचर तेजी से अप एंड डाउन हो सकता है।अक्सर खांसी, आंख से पानी, पेट की गड़बड़ी, उल्टी और दस्त जैसी परेशानियां पेश आती है।कई बार रोगियों को पेट में तेज दर्द उठता है। ये एक ऐसा बुखार है जो एक दिन में ठीक नहीं होता इसके लिए कम से कम 7 दिन या इससे ज्यादा का वक्त लगता है। इस दौरान आपको ज्यादा से ज्यादा नींद लेने और आराम करने की जरूरत होती है।