शस्त्र पूजन हमारे गौरवशाली परंपरा का हिस्सा - डॉ अच्युतानंद

शस्त्र पूजन हमारे गौरवशाली परंपरा का हिस्सा - डॉ अच्युतानंद

शस्त्र पूजन हमारे गौरवशाली परंपरा का हिस्सा - डॉ अच्युतानंद
शस्त्र पूजन हमारे गौरवशाली परंपरा का हिस्सा - डॉ अच्युतानंद

गरीब दर्शन / हाजीपुर - पांच दिवसीय शस्त्र पूजन सह रावण दहन कार्यक्रम सिंघाड़ा महुआ वैशाली का शुक्रवार को प्रथम दिन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। छत्रपति शिवाजी मातृभूमि सेवा समिति के अध्यक्ष एवं सभी कार्यकर्ताओं के दुर्लभ प्रयास से  आज सुबह 8:30 बजे सभी कार्यकर्ता महाराणा प्रताप खेल मैदान में एकत्रीकरण और जलपान के पश्चात मां दुर्गा शक्ति स्थल गोविंदपुर सिंघाड़ा में शस्त्र पूजन के लिए प्रस्थान किया। शस्त्र पूजन के पश्चात सभा का कार्यक्रम महाराणा प्रताप खेल मैदान में संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक डॉक्टर अच्युतानंद सिंह उपस्थित हुए। पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष संजय सिंह के साथ - साथ समाज के सैकड़ों गणमान्य लोगों की उपस्थिति से कार्यक्रम में चार चांद लग गये। कई लाइसेंसी राइफल वाले पूर्व सैनिक के साथ - साथ समाज के सैकड़ों लोग पारंपरिक अस्त्र - शस्त्र के साथ कार्यक्रम में उपस्थित हुए। मंच पर समिति के अध्यक्ष चंदेश्वर राय के साथ-साथ सचिव अजीत कुमार, कोषाध्यक्ष रंजीत कुमार, कमलदेव पासवान, विपिन कुमार, प्रहलाद कुमार,संजीत पासवान, वीरेंद्र पासवान, राम सिंह, तेज नारायण सिंह, अखिलेश यादव सहित लगभग सैकड़ो की संख्या में समूह उपस्थित थी। मंच का संचालन अभय कुमार आर्य ने किया जबकि बाल कवियों ने अपने वीर रस के काव्यपाठ से समां बांध दिया। बच्चों ने रंगारंग देशभक्ति कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया एवं वक्ताओं ने शस्त्र और शास्त्र की भारतीय परंपरा की विधा पर बहुत ही सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। समिति के सचिव अजीत कुमार ने आगामी चार दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में पूरे समाज को आमंत्रित किया था। जिसमें सुबह 5:30 बजे योग कार्यक्रम पश्चात् खेल कार्यक्रम होना तय है एवं सभी क्षेत्रवासियों को रावण दहन में विजयदशमी के दिन संध्या में  मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के 1 घंटे के उपरांत सम्मिलित होने का आवाह्न किया।  मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर अच्युतानंद ने सभा को संबोधित होते करते हुए कहा कि शस्त्र को पूजने की परंपरा हमारी संस्कृति में बहुत पुरानी है। और भावी पीढ़ी को भी इसको आगे बढ़ाना चाहिए। मंच पर परम पूज्य ब्रह्मानंद स्वामी के साथ-साथ कई गणमान्य संत एवं पूर्व फौजी भी उपस्थित रहे।