सीवान में चेहल्लुम का अखाड़ा जुलूस शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न

 

देशभक्ति से ओत-प्रोत झाँकी में दिखी राष्ट्र प्रेम की भावना

गरीब दर्शन / सीवान ।

सीवान में चेहल्लुम का अखाड़ा शांति के माहौल में सम्पन्न हो गया । मुहर्रम के 40 दिन बाद होने वाले चेल्लुम का त्योहार को लेकर जिला प्रशासन पुरी तरह अलर्ट मोड में दिखा । शहर के स्टेशन मोड़, मखदुम सराय मोड़ और दाहा नदी पुल के पास ब्रेकेटिंग बनाया गया था । इसके अलावा शहर के सभी चौक-चौराहों पर पुलिस बल मजिस्ट्रेट के साथ मुस्तैदी के साथ लगे थे । याद रहे कि चेहल्लुम में ताजिया नही निकलता है इसमें अधिकतर अखाड़ा और जुलूस निकलता है जिसमे विभिन्न तरह की झाँकियाँ निकलती है और अखाड़ा जुलूस में लोग अपने हुनर का मुज़ाहेरा अर्थात कला का प्रदर्शन करते नजर आए । चेहल्लुम के अखाड़ा जुलूस में यातायात पुलिस भी काफी सक्रिय दिखी । जहाँ यातायात नियमों के विरुद्ध अवलेना करने वालों को डिजिटल चालान भी काटा गया और संदेह होने पर वाईन स्टिक से जाँच करते हुए भी देखा गया । चेहल्लुम के जुलूस में सबसे पहला अखाड़ा जेपी चौक पर साढ़े 06 बजे पहुँचा । जिसमे करबला का दृश्य गोल्डेन कलर में बड़ा ही सुंदर बनाया गया था जिसमे रंग-बिरंगी डिजिटल लाईट से काफी मनोरम दिख रहा था । अखाड़ा जुलुस में इस्लामी झंडा के साथ-साथ देश का झंडा तिरंगा भी लहरतारा हुआ नजर आया । अखाड़ा में लाठी और तलवारबाजी का करतब दिखाते हुए युवा नजर आए । साथ ही मशाल जलाकर भी कुछ युवक भाँजते दिखे । अखाड़ा जुलुस शांति पूर्वक सम्पन्न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन के साथ पीस कमिटी के लोग भी काफी सक्रिय दिखे । अखाड़ा जुलूस में देश मे बनी विभिन्न शस्त्रों को भी बड़े ही अच्छे अंदाज में पेश किया गया था । जिसमे तोप, टैंक, मिजाईल, सेटेलाईट के साथ चंद्रयान का नक्शा बना कर बड़े ही सुंदर ढ़ंग से प्रस्तुत किया गया था । जिला प्रशासन की ओर दो जगहों पर कैम्प लगाया गया था एक चौक मस्जिद स्थित बड़ी मस्जिद और दूसरा शांतिवट वृक्ष के पास जहाँ जिला के आला अधिकारी कैम्प हुए थे जहाँ उनका साथ पीस कमिटी के सदस्य दे रहे थे । सभी अखाड़ा कागजी मुहल्ला, रजिस्ट्री कचहरी रोड़ होते जेपी चौक पहुचा । फिर यहाँ से दरबार रोड़, दरबार मस्जिद, पुराना बाटा मोड़ के रास्ते थाना रोड़, शहीद सराय रोड़, बड़ी मस्जिद, सोनार टोली, कसेरा टोली के रास्ते हाफिज जी चौक पहुँचा फिर यहाँ से शेख मुहल्ला, मेहिया कुम्हार टोली, शुक्ल टोली के रास्ते शान्तिवट वृक्ष पहुँचा । जहाँ सभी अखाड़ा का प्रदर्शन किया गया फिर यहाँ से अखाड़ा जुलूस सोनार टोली, चिक टोली, मौलेशरी चौक और फिर पटवा टोली के रास्ते नया किला के मैदान में पहुँच कर सम्पन्न हुआ । जहाँ किला मैदान में विशाल मेला लगा हुआ था । गौरतलब है कि मुहर्रम में लोग ताजिया लेकर नवलपुर स्थित कर्बला जाते हैं लेकिन चेहल्लुम में ताजिया नही निकलने से सभी लोग नया किला मैदान से ही वापस लौट गए । इस तरह देर रात तक अखाड़ा जुलूस शांति के साथ सम्पन्न हो गया ।

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