सम्मान सह विदाई समारोह का किया गया आयोजन
गरीब दर्शन/पटना –
सूबे में नए डीजीपी की नियुक्ति हो गई है। सरकार ने नए डीजीपी की नियुक्ति की अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होने के बाद डीजीपी की नियुक्ति की सभी संभावनाओं पर विराम लग गया है। निगरानी के डीजी आलोक राज (1989) बैच को बिहार पुलिस का नया कप्तान नियुक्त किया गया है।
वे निगरानी के डीजी के साथ-साथ डीजीपी का काम देखेंगे। वहीं आरएस भट्टी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए विरमित कर दिया गया है। पूर्व डीजीपी आरएस भट्टी को पुलिस मुख्यालय की ओर से शुक्रवार को विदाई दी गई ।
वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के महानिदेशक बनाए गए हैं। विदाई समारोह में पुलिस मुख्यालय के वरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे । पुलिस तभी बेहतर कार्य कर सकती है। जब उसके कार्यों में पारदर्शिता और विश्वास दिखे। पुलिस पर जनता का बहुत सा भरोसा है। जनता के भरोसा पर खडा उतरने वाला पुलिस पदाधिकारी हीं सम्मानित होता है। उक्त बातें निगरानी के डीजी आलोक राज ने एक प्रेस वार्ता में कही थी। सूत्रों के अनुसार आलोक राज मूल रूप से बिहार प्रदेश के मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। इनके स्वजन और पूर्व परिचित इन्हें बबलू के नाम से भी पुकारते हैं। जानकार बताते हैं कि इनके पिता पटना स्थित प्लानिंग विभाग में अधिकारी के पद पर थे ।जबकि उनकी माता मगध महिला कॉलेज में प्रोफेसर थी। जब वे 1992 में एएसपी के पद पर पटना में तैनात थे, तभी उनकी माता का निधन हो गया था। इनकी पोस्टिंग सिटी एसपी पटना के पद पर हुई। इन्होंने बीएमसी सहित कई जिलों में एसपी के रूप में कार्य किया। 07 वर्षों के लिए ये केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी गए। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान इन्होंने सात वर्षों तक सीआरपीएफ में सेवा दी। सीआरपीएफ में होते वक्त श्री राज ने पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम के हिंसाग्रस्त इलाकों में जोरदार काम किया जिससे वहां जारी राजनीतिक हिंसा पर विराम लगी। वर्ष 2011 में पुनः बिहार लौटे एवं कई महत्वपूर्ण पदों पर रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन किया। अब देखना है कि इनके कार्यकाल में प्रदेश में निरंतर गिर रहे लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति में सुधार होता है या नहीं, यह समय के गर्भ में है। साथ ही बिहार की पुलिसिंग में सुधार होता है या नहीं।