बिहार के संस्कार गीत, पारंपरिक लोकगीत एवं छठ गीतों को स्वर कोकिला शारदा सिन्हा ने अपने सुमधुर स्वर लहरियों के माध्यम से वैश्विक पटल पर नई ऊचाइयाॅ दी हैं। कला के क्षेत्र में शारदा सिन्हा का योगदान सदियों – सदियों तक याद किया जाता रहेगा। नयी पीढ़ी के कलाकारों के लिए शारदा सिन्हा सदैव प्रेरणीय व अनुकरणीय बनी रहेंगी।
शैलेंद्र कुमार सिन्हा
निदेशक
पंडित छोटेलाल मिश्र संगीत महाविद्यालय