रस्सी पर जिंदगी
बूढ़ी गंडक नदी की कहर ने सुगौली समेत ग्रामीण इलाकों के अधा दर्जन पंचायतों को तबाह कर दिया है
बाढ़ पीड़ितों को मिली सरकारी सहायता रस्सी बना हुआ है बाढ़ पीड़ितों के जिंदगी का रस्सी बना हुआ है! रस्सी के सहारे कमर भर पानी पारकर अपने आशियाने पर जाने के लिए विवश हैं वही सिकराहना नदी का तांडव पूर्वी चंपारण में जारी है
ताजा मामला सुगौली के सुकुल पाकर पंचायत के चील झपटी गांव का है जहां प्रशासन के द्वाराअभी तक कोई सहायता नहीं मिला ना हो तो आज स्थानीय लोगों का रस्सी सहारा बना हुआ है पहुंच पथ पर रस्सी के सहारे लोगों का आना जाना होता है
मोतिहारी जिला में बाढ़ से गांव की तबाही की रोज नई गाथा लिखी जा रही है बाढ़ से घिरे गांव से निकालने के लिए ग्रामीणों ने एक नया तरीका इजाद किया है पानी के बीचो बीच रस्सी बांध दिया गया है और अब इसी रस्सी के सहारे अपनी जिंदगी चला रहे है ।
लेकिन अभी तक जनप्रतिनिधि हो या प्रशासनिक व्यस्था , कोई देखने तक नहीं पहुंचा है । सब ने राम भरोसे छोड़ दिया है