संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष के नेतृत्व में बापू सभागार मोतीहारी में आयोजित जद यू के कार्यकर्त्ता सम्मेलन में सौंपा ज्ञापन

विभागीय पत्रांक 1304 के कंडिका 12 को विलोपित कर सम्मानजनक मानदेय में बढ़ोतरी व सरकारी सेवक का दर्जा देने को लेकर सूबे के एससी/ एसटी किसान सलाहकार संघ ने ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री को सौंपा ज्ञापन

गरीब दर्शन / मोतीहारी – सम्मानजनक मानदेय में बढ़ोतरी एवं सरकारी सेवक का दर्जा देने को लेकर प्रदेश एससी/एसटी किसान सलाहकार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय कुमार के नेतृत्व में एक शिष्ट् मंडल ने बीते 15 दिसंबर को मोतिहारी के बापू सभागार में सम्पन्न जद यू के कार्यकर्ता सम्मेलन में जद यू के राष्ट्रीय महामंत्री व बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री डॉक्टर अशोक चौधरी को एक ज्ञापन दिया है। दिए गए ज्ञापन में संघ ने कहा है कि लगातार 14 वर्षों से प्रदेश में किसान सलाहकार सरकारी उदासीनता से आर्थिक एवं मानसिक प्रताड़ना का दंश झेल रहा है। जबकि किसान सलाहकार अपने अपने पंचायत कृषि कार्यालय से कृषि विभाग द्वारा किसानों के कल्याणार्थ चलाए जा रहे महत्वपूर्ण योजनाएं यथा मिट्टी जांच, बीज वितरण, यांत्रिकरण, खेती के वैज्ञानिक तरीकों से किसानों को रूबरू कराना,श्री विधि व जीरोटिलेज से खेती की विधि, उद्यान संबंधी जानकारी, डिजिटल क्रॉप सर्वे सहित कई कृषि से संबंधित योजनाओं को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने में प्रमुख भूमिका निभाई है। इतना ही नहीं, प्रदेश के किसान सलाहकारों से विभाग एवं सराकर धान अधिप्राप्ति, सांख्यिकी, पशु गणना, लघु सिंचाई, बाढ़ राहत, राशन कार्ड वितरण,चुनाव संबंधी कार्य सहित कई महत्वपूर्ण कार्य में सहयोग लेती है। लेकिन जब वे अपने परिवार के भरण पोषण हेतु सम्मानजनक मानदेय बढ़ोतरी सहित सरकारी कमी का दर्जा दिए जाने की मांग करते हैं तो विभागीय पत्रांक 1304 के कंडिका 12 का हवाला देते हुए न तो इन्हें संविदा कर्मी का दर्जा दिया जाता है और नाहीं सरकारी कर्मी का हीं जिससे जौं में घुन की तरह किसान सलाहकार पीस रहे हैं। जब वे अपनी हक हकूको की लड़ाई हेतु आंदोलन करने को विवश होते हैं तो उनपर लाठी एवं अश्रु गैस के गोले बरसाकर तथा आश्वासन का घूंट पिलाकर उनकी मुंह को बंद कर दिया जाता है जो सरासर अन्याय है। अब तक सरकार हमें प्रगतिशील किसान मान रही है। जबकि सलाहकार की नियुक्ति की योग्यता सरकारी स्तर पर आइएससी एजी, बीएससी एजी व आइएससी निर्धारित है।लगातर 14वर्षों की सेवा व कई लड़ाईयां लड़ने के बाद भी हमें महज 11हजार चार सौ रुपए से संतोष करना पड़ रहा है।दिए गए राशि से परिवार का भरण पोषण होना संभव नहीं है। अतः ज्ञापन के माध्यम से आपकी सरकार से संघ मांग करती है कि विभागीय पत्रांक 1304 के कंडिका 12 को विलोपित करते हुए प्रदेश के किसान सलाहकारों का मानदेय बढ़ाने के साथ-साथ इन्हें सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाए।

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