सुशासन दिवस के रूप में मनेगी भारत रत्न देश के पूर्व प्रधान मंत्री वाजपेयी जी की 100 वीं जन्म जयंती

अटल सम्मान समारोह एवं काव्यांजलि का होगा आयोजन

सुभाष कुमार पांडेय

गरीब दर्शन/पटना
भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी की 100 वीं जन्म जयंती 25 दिसंबर बुधवार को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में भाजपा प्रदेश कार्यालय में धूमधाम से मनाई जाएगी। मौके पर कई कार्यक्रम के आयोजित किए जाएंगे। भाजपा के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष आशुतोष शंकर सिंह ने बताया कि 100 वीं जन्म जयंती, हम सभी शताब्दी वर्ष के रूप में मनाएंगे। इसके तहत एक वर्ष तक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इसकी शुरुआत भी 25 दिसंबर से हो रही है।

उन्होंने कहा कि सुशासन दिवस के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर एक प्रदर्शनी लगाई जा रही है। इसके अलावा अटल सम्मान समारोह आयोजित किया गया है। श्री सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की गिनती बड़े कवि के रूप मे होती है। वे कवि हृदय थे, इस कारण उनकी जन्म जयंती के मौके पर काव्यांजलि का भी आयोजन किया जा रहा है , जहां स्थानीय कवि कविता पाठ करेंगे। उन्होंने अटल जी की लिखी लोकप्रिय कविता का उल्लेख किया”खून क्यों सफेद हो गया?भेद में अभेद खो गया। बंट गए शहीद ,गीत कट गए ,कलेजे में कटार दड़ गई, दूध में दरार पड़ गई।
खेतों में बारूदी गंध, टूट गए नानक के छंद, दूध में दरार पड़ गई।

उन्होंने कहा कि इन सभी कार्यक्रमों में प्रदेश अध्यक्ष डाॅ दिलीप जायसवाल सहित कई गणमान्य लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि श्री वाजपेई का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ लेकिन उन्होंने अपना कर्म भूमि लखनऊ को बनाया। साथ ही कानपुर ही वह जगह थी जहां से अटल ने राजनीति का ककहरा राशि का कानपुर का दव कॉलेज यहां से उन्होंने राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की और फिर छात्र राजनीति में कदम रखा। भारत का राजनैतिक इतिहास जब लिखा जाएगा तो अटल बिहारी वाजपेई के बारे में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की 25 दिसंबर को जयंती मनाई जाती है। भारत छोड़ो आंदोलन के समय 24 दिनों के लिए बाजपेई एवं उनके बड़े भाई को गिरफ्तार किया गया। साल 1977 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में उन्होंने हिंदी में भाषण देकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। पुरस्कार और सम्मान की बात करें तो अटल बिहारी वाजपेई को राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 1992 में पद्म विभूषण व वर्ष 2015 में भारत रत्न दिया गया। उन्होंने 93 वर्ष की आयु में 16 अगस्त 2018 को दुनिया को अलविदा कह दिया।

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